Parvatmala Yojana: इस पर्वतमाला योजना के माध्यम से पहाड़ों पर परिवहन और कनेक्टिविटी की आधुनिक व्यवस्था बनेगी। ये हमारे देश के सीमावर्ती गांवों को भी मजबूत करेगा, जिनका जीवंत होना जरूरी है और जो देश की सुरक्षा के लिए भी जरूरी है। विचार पर्यटन को बढ़ावा देने के अलावा, यात्रियों के लिए कनेक्टिविटी और सुविधा में सुधार करना है।
इस Parvatmala Yojana भीड़भाड़ वाले शहरी क्षेत्रों को भी कवर कर सकती है और पारंपरिक जन परिवहन प्रणाली संभव नहीं है। इस लेख में हम आपको Parvatmala Yojana से संबंधित सभी जानकारी देने वाले हैं तो आप इस लेख को पूरा पढ़े
Parvatmala Yojana 2023
यह योजना एक पीपीपी का उपयोग करके लागू की जाएगी, जो कठिन पहाड़ी क्षेत्रों में पारंपरिक सड़कों के लिए एक बेहतर पारिस्थितिक रूप से स्थायी विकल्प होगा लक्ष्य पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ कम्यूटर कनेक्टिविटी और सुविधा में सुधार करना है। इसमें भीड़ भाड़ वाले शहरी क्षेत्र भी शामिल हो सकते हैं पारंपरिक जन परिवहन प्रणाली संभव नहीं है।
यह योजना वर्तमान में उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, मणिपुर, जम्मू और कश्मीर और अन्य उत्तर-पूर्वी राज्यों में लागू की जा रही है।वित्त मंत्री ने कहा कि 2022-23 में कुल 60 किलोमीटर लंबी आठ रोपवे परियोजनाओं के अनुबंध दिए जाएंगे।
Parvatmala Yojana 2023: Highlights
योजना का नाम | पर्वतमाला योजना |
योजना शुरू की गई | सन 2022 में |
किसने शुरू की | केंद्र सरकार |
संबंधित मंत्रालय | सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय |
उद्देश्य | पहाड़ी इलाकों का विकास करना |
लाभार्थी | विभिन्न राज्यों के पहाड़ी इलाकों में रहने वाले लोग |
हेल्पलाइन नंबर | N/A |
आधिकारिक वेबसाइट | N/A |
Objectives of Parvatmala Yojana 2023
कठिन पहाड़ी क्षेत्रों में पारंपरिक सड़कों के स्थान पर यह एक पसंदीदा पारिस्थितिक रूप से स्थायी विकल्प होगा। विचार पर्यटन को बढ़ावा देने के अलावा, यात्रियों के लिए कनेक्टिविटी और सुविधा में सुधार करना है।
यह भीड़भाड़ वाले शहरी क्षेत्रों को भी कवर कर सकता है, जहां पारंपरिक जन परिवहन प्रणाली संभव नहीं है। इसलिए इस योजना की शुरूआत किया गया।
Benefits of Parvatmala Yojana 2023
• इस पर्वतमाला योजना कठिन पहाड़ी क्षेत्रों में पारंपरिक सड़कों के स्थान पर एक पारिस्थितिक रूप से स्थायी विकल्प है।
• इस Parvatmala Yojana को पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड पर लिया जाएगा,
• पर्यटन को बढ़ावा देने के अलावा, इसका उद्देश्य यात्रियों के लिए कनेक्टिविटी और सुविधा में सुधार करना है।
• यह Parvatmala Yojana भीड़भाड़ वाले शहरी क्षेत्रों में कार्यान्वयन के लिए भी उपयुक्त है जहां पारंपरिक जन परिवहन प्रणाली अव्यावहारिक होगी।
• वित्त मंत्री के मुताबिक 2022-23 में 60 किलोमीटर लंबी आठ रोपवे परियोजनाओं के ठेके दिए जाएंगे।
• वर्तमान में, यह योजना उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, मणिपुर, जम्मू और कश्मीर और अन्य उत्तर-पूर्वी राज्यों में लागू की जा रही है।
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